गुरु पुष्य योग नवंबर 21, 2024 बृहस्पतिवार 06:28 ए एम से 03:35 पी एम
Guru Pushya Yoga November 21, 2024 Thursday
गुरु पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग
गुरु पुष्य योग एक विशेष ज्योतिषीय योग है, जो गुरु (बृहस्पति) और पुष्य नक्षत्र के संयोजन से बनता है। यह योग शुभ अवसरों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
गुरु पुष्य योग की तिथि और समय
- तारीख: 21 नवंबर 2024 (बृहस्पतिवार)
- समय: सुबह 06:28 AM से दोपहर 03:35 PM तक
इस अवधि के दौरान किए गए कार्यों को विशेष फलदायी माना जाता है, जैसे कि नई शुरुआत, पूजा-पाठ, और महत्वपूर्ण निर्णय लेना। इस योग का उपयोग विशेष रूप से धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों के लिए किया जाता है।गुरु पुष्य योग का महत्व भारतीय संस्कृति में गहरा है, क्योंकि यह ज्ञान, समृद्धि और सफलता का प्रतीक माना जाता है।
गुरु पुष्य योग 21 नवंबर 2024 को गुरुवार के दिन प्रातः 6:28 AM से 3:35 PM तक रहेगा। यह शुभ योग विशेष रूप से किसी भी नए कार्य की शुरुआत, धन-संपत्ति की खरीदारी, या महत्वपूर्ण निवेश के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
गुरु पुष्य योग के महत्व:
- ग्रहणीयता का समय: यह समय किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत करने के लिए अत्यंत फलदायक माना जाता है।
- धन और समृद्धि: गुरु और पुष्य नक्षत्र का मेल आर्थिक उन्नति और स्थायित्व लाने में सहायक होता है।
- गुरु और पुष्य का मेल: यह योग विशेष रूप से सोना खरीदने, नया व्यवसाय आरंभ करने, या घर/गाड़ी की खरीदारी के लिए अत्यधिक शुभ है।
इस योग में किए जाने वाले कार्य:
- नए व्यवसाय की शुरुआत।
- जमीन-जायदाद की खरीद।
- गहनों और सोने की खरीदारी।
- पूजा-पाठ या धार्मिक कार्य।
गुरु पुष्य योग: 21 नवंबर 2024 का शुभ मुहूर्त
आपने बिल्कुल सही पूछा है! 21 नवंबर, 2024 को गुरु पुष्य योग का शुभ मुहूर्त रहा है। यह समय सुबह 6:28 AM से दोपहर 3:35 PM तक रहा।
गुरु पुष्य योग क्या है?
गुरु पुष्य योग एक बहुत ही शुभ योग माना जाता है। जब बृहस्पति (गुरु) और पुष्य नक्षत्र एक साथ आते हैं, तो यह योग बनता है। हिंदू धर्म में, इस योग को बहुत शुभ माना जाता है और इस दौरान किए गए शुभ कार्य बहुत फलदायी होते हैं।
इस योग का महत्व:
- खरीददारी: इस योग में की गई खरीदारी बहुत शुभ मानी जाती है। नए वाहन, घर, सोना, जमीन आदि खरीदना बहुत शुभ होता है।
- नए काम की शुरुआत: नया व्यवसाय शुरू करना, नई नौकरी शुरू करना या कोई नया कार्य शुरू करना भी इस योग में शुभ माना जाता है।
- विवाह: विवाह जैसे शुभ कार्य भी इस योग में किए जाते हैं।
- पूजा-पाठ: इस योग में पूजा-पाठ करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
क्यों यह योग इतना खास है?
- बृहस्पति: बृहस्पति को ज्ञान, धन और समृद्धि का कारक माना जाता है।
- पुष्य नक्षत्र: पुष्य नक्षत्र को सभी नक्षत्रों में सबसे शुभ माना जाता है।
इस योग का लाभ लेने के लिए क्या करें?
- दान: इस योग में दान करना बहुत शुभ माना जाता है।
- मंत्र जाप: इस योग में अपने इष्ट देव का मंत्र जाप करना बहुत लाभदायक होता है।
- पूजा-पाठ: इस योग में पूजा-पाठ करना चाहिए।
- सकारात्मक विचार: इस योग में सकारात्मक विचार रखने चाहिए।
अन्य महत्वपूर्ण बातें:
- यह योग साल में कुछ ही बार आता है।
- इस योग का समय सभी जगह एक जैसा नहीं होता है।
- इस योग में किए गए कार्य हमेशा सफल होते हैं, ऐसा नहीं है। लेकिन यह योग सफलता के लिए एक शुभ समय माना जाता है।