Best Astrologer in India Pandit Ajay Gautam

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कुंडली के इन भावों में राहु की दृष्टि से मिलती है अपार धन-दौलत

कुंडली के इन भावों में राहु की दृष्टि से मिलती है अपार धन-दौलत

The sight of Rahu in these houses of the horoscope bestows immense wealth

वैदिक ज्योतिष में राहु को एक रहस्यमय, भौतिकवादी और महत्वाकांक्षी ग्रह माना गया है। यह व्यक्ति को असाधारण सफलता, प्रसिद्धि और धन प्राप्त कराने में सक्षम होता है — बशर्ते कि इसकी स्थिति शुभ भावों में हो और शुभ ग्रहों की दृष्टि प्राप्त हो।

राहु किसी व्यक्ति के जीवन में अचानक उन्नति, विदेश से लाभ, तकनीक, राजनीति, और बड़े व्यवसायों से जुड़े अवसर प्रदान करता है। लेकिन यह सब तभी संभव है जब राहु कुंडली के कुछ विशेष भावों में स्थित हो या अपनी दृष्टि से उन्हें प्रभावित करे।

राहु की दृष्टि (Drishti)

राहु की दृष्टियाँ पाँचवीं, सातवीं और नौवीं भावों पर पड़ती हैं। अर्थात, राहु जिस भाव में स्थित होता है, वहाँ से यह पाँचवाँ, सातवाँ और नौवाँ भाव देखता है। इन दृष्टियों के प्रभाव से संबंधित भावों के फल में विशेष परिवर्तन होता है।

किन भावों में राहु की दृष्टि से मिलती है अपार धन-दौलत?

दूसरा भाव (धन भाव)

दूसरा भाव परिवार, वाणी और धन का सूचक है।
यदि राहु की दृष्टि या स्थिति इस भाव पर शुभ रूप से हो — विशेषकर जब शुक्र, गुरु या बुध के साथ शुभ संबंध बने — तो जातक को असाधारण धन लाभ, व्यापार में विस्तार और विदेश से आय के योग मिलते हैं।
ऐसे व्यक्ति अक्सर शेयर मार्केट, मीडिया या विदेशी व्यापार से लाभ उठाते हैं।

पाँचवाँ भाव (बुद्धि और सट्टा भाव)

राहु की दृष्टि पाँचवें भाव पर पड़ने से व्यक्ति की रचनात्मक बुद्धि, जोखिम लेने की क्षमता, और नवीनता बढ़ती है।
यदि यह योग मजबूत हो, तो जातक को सट्टा, शेयर मार्केट, फिल्म, डिजिटल मीडिया, या क्रिएटिव क्षेत्रों से अपार धन प्राप्त होता है।
यह स्थिति “स्मार्ट इन्वेस्टर” बनने की क्षमता देती है।

दसवाँ भाव (कर्म भाव)

यदि राहु की दृष्टि या स्थिति दसवें भाव को प्रभावित करे, तो व्यक्ति अपने कार्य क्षेत्र में तेजी से उन्नति करता है।
यह व्यक्ति तकनीक, राजनीति, या विदेशी व्यापार से जुड़ा होकर प्रसिद्धि और अचानक आर्थिक सफलता प्राप्त कर सकता है।
यह राहु को ‘कैरियर बूस्टर’ बना देता है।

ग्यारहवाँ भाव (लाभ भाव)

यह सबसे शक्तिशाली धन देने वाला भाव है।
यदि राहु इस भाव में स्थित हो या इसकी दृष्टि इस पर पड़े, तो जातक को नेटवर्किंग, विदेशी संबंधों, और आधुनिक तकनीक से भारी लाभ प्राप्त होता है।
कई करोड़पतियों की कुंडली में राहु का ग्यारहवें भाव से जुड़ाव पाया जाता है।

शुभ संयोजन

राहु की दृष्टि तभी धनप्रद मानी जाती है जब यह –

  • शुभ ग्रहों (जैसे गुरु, शुक्र, बुध) से संबंध रखे

  • दुष्ट भावों (6, 8, 12) में न हो

  • दशा या अंतरदशा अनुकूल चल रही हो

राहु का प्रभाव रहस्यमय है — यह व्यक्ति को ऊँचाइयों पर भी पहुँचा सकता है और नीचे भी गिरा सकता है। यदि यह सही भावों पर दृष्टि डाल रहा हो, शुभ ग्रहों से जुड़ा हो और आपकी मेहनत उसका साथ दे, तो राहु आपको “राख से रईस” बना सकता है।

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